How to Increase Immunity system in hindi
ये सवाल आजकल सभी लोग जानना चाहते है इसके लिए वे कई प्रकार के उपायो को भी अपनाते हैं जिससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके।
शरीर में इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए हमे अपने खान-पान, दिनचर्या, रहन–सहन आदि का विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं। क्योंकि इम्यूनिटी के कमजोर होने पर अनेक प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके कमजोर होने से शरीर विभिन्न प्रकार के वायरस अन्य रोग, संक्रमण, मौसमी बीमारी आदि के चपेट में आसानी से आ जाता है इसलिए हमे अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखने का प्रयास करना चाहिए। जिससे हम इन सब बीमारियों से बचे रहें।
हमें अनेक प्रकार के फलों, विभिन्न प्रकार के आहारो के अलावा कुछ ऐसी चीजों का भी सेवन करना चाहिए जिससे हमारा इम्यूनिटी बढ़ सके। तो आइए जानते हैं की अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को कैसे बढ़ाए।
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गिलोई
गिलोई को गुडची, अमृता भी कहा जाता हैं। इसका प्रयोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है। वैसे तो इसके तने, पत्तियाँ एवं जडें तीनों ही काफी गुणकारी होते हैं लेकिन इसके डंठल या तनों का ही उपयोग ज़्यादातर लोग अपनी बीमारियों के उपचार में करते हैं।
यह एंटी ऑक्सीडेंट एवं एंटी इन्फ़्लेमेंटरी गुणों से भरपूर होता है। इसे एक औषधि के रूप मे जाना जाता हैं जैसे की नाम से हीं पता चलता है अमृता यानि अमृत के समान यह अनेक रोगो मे लाभप्रद होता है।
यह शरीर के वात, कफ एवं पित्त तीनों दोषों को नियंत्रित करता हैं। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है उनके लिए तो यह एक रामबाण औषधि है इसके सेवन से उनका पाचन तंत्र में सुधार आने के साथ ही साथ इम्यूनिटी भी बढ़ती है। गिलोई का जूस मधूमेह एवं हाइ बीपी से पीड़ित रोगो में काफी लाभ देता है।
इसमें अर्थेराइटिस की समस्या को दूर करने की भी क्षमता होती है। अपने एंटी इन्फ़्लेमेंटरी गुण के कारण यह हड्डियों के लिए भी उपयोगी होता है। गिलोई में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड एवं टिनोस्प्रोटीन, पामेरीन, टिनोस्पोरिक एसिड के अलावा इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, मैगनेशियम, जिंक, कैल्शियम एवं मैगनीज काफी मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता हैं।
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त्रिफला
त्रिफला या त्रिफला चूर्ण एवं आयुर्वेदिक मिश्रण होता हैं जो कई जड़ी बूटियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह अनेक रोगों के इलाज़ में लाभकारी होता है।
आमतौर पर त्रिफला को वात, कफ एवं पित्त तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए जाना जाता हैं। स्वाद में यह कसैला, मीठा, खट्टा, कड़वा एवं तीखा लगता है।
त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होता है यह मुख रूप से कॉलन के ऊतकों को मजबूत करता हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निष्काषित करने में मदद करता है।
इसके नित्य सेवन से शरीर की अतिरिक्त फैट दूर होता है। यह आंखो के लिए अत्यंत हितकारी होता है इससे आंखो की लालिमा, जलन आदि दूर होती है एवं आंखे स्वच्छ एवं साफ होती हैं।
त्रिफला चूर्ण विटामिन C की अधिकता होने के कारण इससे त्वचा संबन्धित कई प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है। प्रतिदिन रात्रि को आधा चम्मच त्रिफला लेने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
यह पीलिया रोग में भी लाभ देता है। त्रिफला चूर्ण मधुमेह एवं हृदय रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता हैं। इससे उनकी इन रोगों में जटिलताये कम हो जाती हैं।
यह एंटी सेप्टिक, एंटी इन्फ़्लेमेंटरी एवं एंटी बैक्टेरियल गुणों से युक्त होता है। इसके उपयोग से मसूड़ो की सूजन एवं खून का आना, दांतों में कीड़े लगना, हड्डियों, त्वचा आदि समस्याओ से निजाद मिलता हैं।
तुलसी
तुलसी एक बहुप्रचलित औषधि के रूप में जाना जाता है। इसके पौधे के हर भाग का अपना महत्व है। इसके इस्तेमाल करने पर कोई भी साइड इफैक्ट भी नही होता हैं। यह बिलकुल प्राकृतिक होता हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है। इसके नित्य प्रयोग से इम्यूनिटी भी बढ़ती है तथा शरीर से विषाक्त पदार्थों का निष्कासन होता है।
अपने एंटी सेप्टिक गुण के कारण यह घावो के संक्रमण को दूर करता है। तुलसी के पत्तों में कई औषधीय गुण मौजूद होता है जो शरीर के PH स्तर को संतुलित करता है।
यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने में सहायक होता है। इसमें पोषक तत्वो की मात्रा भरपूर पाई जाती हैं। इसके नित्य सेवन से हृदय रोग एवं मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव होता ही। यह रक्त में पाये जाने वाली अशुद्धियों को भी दूर करता हैं।
इसके अलावा यह सर्दी-खांसी, ज्वार, जुखाम, तनाव आदि में भी निजाद दिलाने में कारगर होता है। खाली पेट इसके पट्टियों के सेवन से कैंसर की कोशिकाओं का नाश होता है।
तुलसी के पत्तों का रस कान दर्द एवं आंख दर्द में आराम पहुंचता है। यह सिर दर्द में भी आराम देता है इसके पत्तों से बने चाय या काढ़ा पीने से इन समस्याओ से निजाद मिलता है।
एलोवेरा जूस
एलोवेरा जूस में लगभग सभी न्यूट्रीशन भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर शरीर के सभी आवश्यक अंगो के लिए लाभदायक होता है। एलोवेरा जूस पाचन तंत्र के लिए रामबाण औषधि माना जाता है।
एसिडिटी, कब्ज यहाँ तक की अल्सर में भी यह फायदेमंद होता है। यह शरीर से दूषित विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। इसके नित्य सेवन से शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
यह एंटी-इन्फ़्लेमेंटरी गुणो से युक्त होने के कारण हड्डियों के दर्द में भी लाभ देता है।
इसमे मोटापा एवं कोलेस्ट्रॉल के कम करने की क्षमता होती है। एलोवेरा के सेवन से शरीर की कोशिकाओं में नाइट्रिक ऑक्साइड एवं साइटोकिंस का उत्पादन बढ़ जाता है जिसकी वजह से शरीर बाहरी बीमारियों के विरूद्ध आसानी से लड़ सकता है।
अध्ययन में पाया गया है की रोज एलोवेरा जूस पीने से टाइप 2 मधुमेह के मरीजों का ब्लड शुगर लेवेल में कमी आती हैं। इसके अलावा एलोवेरा मुँह के स्वस्थ के लिए भी कारगर होता है।
यह मुँह से आने वाली दुर्गंध एवं मुह में बीमारी पैदा करने वाली बैक्टेरिया को भी खत्म करता है।
यह बालों एवं त्वचा के लिए भी लाभदायक होता है। बालों एवं त्वचा में इसके सेवन से चमक एवं ताजगी आती है। यह दाँतो एवं मसूड़ो के लिए भी लाभदायक होता है।
यह सरदर्द एवं तनाव से भी आराम दिलाता है। सबसे बड़ी बात यह है की इसके सेवन से शरीर में कई साइड इफेक्ट भी नही होता है। और पढ़ें : प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अपनाए ये उपाय
आंवला
आंवला विटामिन C का प्रमुख स्रोत है इसके सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसमे कफ, वात एवं पित्त तीनों दोषो को दूर करने का शक्ति होता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट एवं इंफलेमेंटरी गुण पाये जाते हैं।