Immunity Badhane ke upay in hindi
हमें अपने शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपायों को जानना अत्यंत आवशयक हो जाता है जिससे हम अपने आहार में इन पदार्थो को शामिल करके शरीर में न्यूट्रीएंट्स की कमी को पूरा कर सकें जिसकी वजह से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और हमारा शरीर इन बीमारियों, संक्रमण, वायरस आदि से निपट सकेगा।
आज कल दुनिया में सभी लोग अपनी स्वस्थ्य को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं खास कर अपनी प्रतिरोधक क्षमता को लेकर इसका मुख्य कारण है दुनिया में फैली रही महामारी और इस महामारी से बचने का सरल उपाय है अपने शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) बढ़ायी जाय क्योंकि हम ये बात अच्छी तरह से जान गए हैं की अपने शरीर में इन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाकर ही इन बीमारियों को मात दिया जा सकता है।
कमजोर इम्यूनिटी के कारण हमारे शरीर में बीमारियों एवं संक्रमण का असर जल्दी जल्दी होता है जिसकी वजह से हमारा शरीर कमजोर को जाता ही और हम बार-बार बीमार पड़ते रहते हैं।
शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमें एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पढ़ार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए हम विभिन्न प्रकार के ताजे फल एवं सब्जियाँ, मसालों आदि का सेवन कर सकते हैं। ये सभी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और हमारे शरीर को विभिन्न रोगों से बचाते हैं।
इसके अलावा हम एक सामान्य स्वस्थ जीवनशैली को अपनी दिनचर्या में शामिल करके भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है।
ताजे फलों एवं सब्जियों को शामिल करें अपने आहार में
आइये सबसे पहले हम ताजे फलों एवं सब्जियों को बारे में जानते हैं की कैसे इन से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। फल एवं सब्जियां हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इनमें खनिज लवण एवं विटामिन्स प्रचुर मात्रा में तो पाया ही जाता है इसके अलावा इसमें शक्तिदायक तत्व शर्करा के रूप में विद्यमान रहता है जिससे हमारी इम्यून सेल स्ट्रॉंग होती है फलस्वरूप हम अनेकों बीमारियों एवं संक्रमण से बचे रहते हैं।
ये एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के भंडार होते हैं। इसलिए जहा तक हो सके हमें अपने आहार में इन्हे अवश्य शामिल करनी चाहिए तो आइए जानते है की कौन-कौंन से फल एवं सब्जियां हमारे लिए उपयोगी है। इसे भी पढ़ें : फलों से ऐसे बढ़ाए अपनी प्रतिरोधक क्षमता
खट्टे फलों से बढ़ाए अपनी इम्यूनिटी
खट्टे फलों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हमारी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। विटामिन सी हमारे शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते है जिसकी वजह से हमारा शरीर बाहरी संक्रमण, बैक्टीरिया एवं वायरस के विरूद्ध लड़ने में सक्षम होता है। ये फल एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता हैं। कुछ खट्टे फल है जैसे-
संतरा
यह विटामिन सी से भरपूर फल होता है इसमें विटामिन ए, बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटाशियम, फ़ास्फोरस, कोलिन की आदि की मात्रा बहुतायात होती है। यह फाइबर युक्त एवं एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर मौसमी फल है।
इसमे कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसमें फिटोकेमिकल की मात्रा 170 से भी ज्यादा होती है और फ्लेक्नोइस की मात्रा 60 से भी ज्यादा पायी जाती है। यह सूजन कम करने के अलावा घावों को भरने, त्वचा के संक्रमण को रोकने में सहायक होते है। इससे हमारी त्वचा में भी निखार आता है।
कीवी
कीवी में पाये जाने वाले विटामिन सी की मात्रा संतरे की तुलना में दोगूनी होती है। इसमें भी विटामिन ए, सी, ई कैट्रेनाइड्स आदि पोषक तत्व काफी मात्रा में पाये जाते है।
यह एंटी ऑक्सीडेंट एवं एंटी इंफ़्लेमेंटोरी गुणों से समृद्ध होता हैं। इसमें पाये जाने वाले फाइबर पाचन क्रिया को ठीक रखता हैं। यह आंखो एवं त्वचा के संक्रमण को दूर करता हैं।
आंवला
आंवला में उच्च कोटी के विटामिन सी पाये जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सक्षम होते है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ़्लेमेंटेरी एवं एंटी एजिंग गुणों से भरपूर होता है।
यह हड्डियों को कमजोर करने वाली कोशिकाओं को कम करता है। एवं हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होता है। आंवले में पोटाशियम की मात्रा काफी हाती है जिसकी वजह से नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) मजबूत होता है और परिसंचरण में सुधार आता है इसमें जैव फ्लावोनोइड्स गुण भी पाये जाते है।
इसमें फाइबर और जल बड़ी मात्रा में पाये जाते है जिस कारण यह गैस्ट्रिक एवं पाचन रस के स्राव में सहायक होता है। जिससे पाचन क्रिया स्वस्थ एवं सुचारू रूप से होती है एक माध्यम आकार के आंवले में 600g के लगभग विटामिन सी की मात्रा होता है।
यह त्वचा एवं बालों के लिए भी कारगर होता है। इसके नित्य इस्तेमाल से त्वचा में होने वाले संक्रमण, चेहरों की झाईयाॅ, झुर्रियां आदि दूर होती है एवं बाल लंबे घने एवं चमकदार होते है। यह त्वचा में कसाव लाता है जिससे बुढ़ापा जल्द हावी नही हो पाती है।
अंगूर
अंगूर में एंटी ऑक्सीडेंट एवं एंटी इंफ़्लेमेंटोरी गुण के साथ ही इसमें विटामिन्स, आयरन, मैगनेसियम, फास्फोरस, पोटाशियम, तांबा एवं जिंक भी पाया जाता है। यह अपने घुलनशील फाइबर के कारण कब्ज को दूर कर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।
इसमें पायी जाने वाली कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसके दोनों में पॉली फेनोलिक फाइटकेमिकल कम्पाउण्ड पायी जाती है।
अंगूर में विटामिन सी, मेग्नीशियम, ग्लूकोज आदि कई प्रकार के पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं। यह ब्लड में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है इसके अलावा यह आयरन का भी एक अच्छा स्रोत है।
अंगूर के नित्य सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, हाइ ब्लड प्रेशर, टीबी, ब्लड इन्फेक्शन आदि की समस्या दूर होती है।
शोध में पाया गया है की अंगूर का नित्य सेवन मानसिक स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है इसमें मौजूद रेस्वेर्ट्रोल नामक तत्व प्रतिरोधक क्षमता की कार्यशैली को सुचारू रूप से व्यवस्थित रखता है इसके सेवन से रक्त का थक्का नही बन पाती है एवं शरीर में मौजूद दूषित तत्वों का स्तर नियंत्रित रहता हैं।
अमरूद
अमरूद में एंटि-बकटेरियल एवं’ एंटि एजिंग गुणों से भरपुर होता है इसमें पाया जाने वाला विटामिन C कि मात्रा संतरे से दूगनी होती है। इसके कई पोष्टिक तत्व जैसे-केरोटेनाइड, पोटाशियम, आयरन, कॉपर, लाइकोपीन, ल्योकोपेन, प्रोटीन, विटामिन पाया जाता है। इसमे पाये जाने वाला फाइबर उच्च कोटी का होता है।
इसमें सुपाच्य कार्बोह्यड्रेट की मात्रा कम होने की वजह से भूख मिट जल्दी जाती है। यह हमारी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। यह श्वसन प्रणाली मे हो रही गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
इसमें उपस्थित विटामिन B3 एवं विटामिन B6 दिमाग में होने वाली प्रभाव को पोषित करता है। इसमें मौजूद कॉपर की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह थाइराइड के उत्पादन एवं अवशोषण को नियंत्रित करता है।
अमरूद में पाये जाने वाला विटामिन सी त्वचा के लिए भी उपयोगी होती है। इसके नित्य सेवन से त्वचा को पोषण मिलता है और जिसके कारण त्वचा नरम, मुलायम एवं चमकदार बनी रहती है।
यह शरीर में हो रहे कैंसर की रोकथाम में भी असरदार होता है। इसमें पाये जाने वाले लाइकोपिन कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकता है। यह सर्दी ख़ासी में भी असरदार होता है।
अमरूद में फाइबर अधिक होने के कारण यह कब्ज एवं पेट की कई बीमारियों को दूर करता है। विटामिन सी की उपस्थिती के कारण यह आंतों के दर्द एवं अतिसार में भी लाभकारी होता है।
हरी शाक सब्जियों से बढ़ाए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
हरी शाक सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन्स एवं मिनरल्स पाये जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर से भरपूर होते हैं। also read : Home remedies for immunity in hindi | इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके
ब्रोकली
ब्रोकली सबसे सेहतमंद सब्जी है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा काफी होती ही। जो हमारी इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें गोभी से भी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ब्रोकली में कल्शियम,आयरन, जिंक, प्रोटीन, सलेनियम, विटामिन A, विटामिन C, पोलिफेनोल जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं।
यह हमारे शरीर को डिटाक्सिफ़ाई करने में सहायक होता हैं। इसमें पाये जाने वाला फाइबर अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है जो पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखता है। ब्रोकली में मौजूद अल्फा लिपोइक एसिड अल्जाइमर को दूर करके मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी बेहतर बनाता है।
यह एंटी-एलर्जिक गुणों से भी युक्त होता है। इसके सेवन से दमा, एग्जीमा आदि एलर्जी के जोखिम कम होते हैं। ब्रोकली में पाये जाने वाले तत्व सल्फ़ोराफेन मस्तिष्क को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने में कारगर होता है।
पालक
हरी सब्जियों में पालक मुख्य रूप से जाना जाता है। इसमें प्रयाप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाये जाते हैं। पालक को स्वास्थ की दृष्टि से एक सुपर फूट के रूप में जाना जाता है।
इसमें विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन A, विटामिन C, विटामिन B2, E, K, आयरन, कैल्शियम, मगनेशियम, मैगनिज़, जस्ता, फास्फोरस, सेनेलियम, फोलेट, तांबा, फाइबर, प्रोटीन आदि मुख्य रूप से पाया जाता है। इसमें कैरोटिनाइड्स और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन हृदय के लिए लाभदायक होता है और नाइट्रेड रक्त वाहिकाओं को खोलने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। आमतौर पर पालक को आयरन की बहुलयता के करण ही जाना जाता है। इसके सेवन से एनीमिया रोग में लाभ मिलता है।
पालक में पानी अधिक मात्रा में रहती है जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है और इसके नित्य सेवन से संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
इसमें बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी पायी जाती है जिससे वजन नियंत्रित रहता है। पालक में मौजूद कल्शियम एवं विटामिन K हड्डियों के लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित होते हैं एवं नर्वस सिस्टम को भी दुरुस्त रखते हैं।
शिमला मिर्च
स्वास्थ की दृष्टि से शिमला मिर्च बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें कैलोरी काफी कम लगभग न के बराबर होती है जिससे कोलेस्ट्रॉल एवं वजन दोनों नियंत्रित रहता है।
इसमें विटामिन C, विटामिन A, विटामिन K, फाइबर एवं प्रचुर मात्रा में बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है। जो त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ ही साथ इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है।
बीटा कैरोटीन से आंखो का स्वस्थ भी ठीक रहता है। शिमला मिर्च एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है यह कैंसर के खतरे को कम करता है।
यह शुगर लेवेल को भी नियंत्रित रखता है जिसके कारण यह डाइबिटिज के रोगियों के लिए लाभकार होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में सहायक होता है जिसकी वजह से एनीमिया का जोखिम कम हो जाता है।
यह त्वचा के संक्रमण को दूर करता है एवं इसमें मौजूद विटामिन K के कारण शरीर में खून का थक्का जमने में मददगार होते है। शिमला मिर्च खाने से पाचन संबन्धित समस्या एवं गैस की समस्या दूर होती है एवं यह शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाती है।
इसे एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है। इसके सेवन से पेट में होने वाले छालें भी दूर हो जाते हैं। शिमला मिर्च के नित्य सेवन से फेफड़ो का एवं दमा का रोग में आराम मिलता है। also read : बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खिलाना चाहिए जिससे बच्चे रहे स्वस्थ एवं निरोग
मसालों से बढ़ाए अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता
मसाले प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी कारगार साबित होती है। यह शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ा कर रोगों के जोखिम को कम करता है।
हम खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के मसालों का इस्तेमाल करते हैं जो स्वाद बढ़ाने के साथ ही साथ हमारे स्वास्थ पर भी अनुकूल प्रभाव डालते हैं। इनमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं।
ज़्यादातर मसाले एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी बैकटेरियल एवं एंटी फंगल गुण युक्त होते है। जो शरीर में एक प्रकार से रोगों के विरूद्ध लड़ने की कार्य क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं। आइए जानते है किस प्रकार से विभिन्न प्रकार के मसालों से हम अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं।
हल्दी
हल्दी हमारे किचन में आसानी से मिलने वाला मसाला हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी सेप्टिक के साथ ही एंटी इंफ़्लेंमेंटेरी गुणों से युक्त होता हैं। इसे एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर कहा जा सकता हैं।
इसमें मौजूद करक्यूमिन तत्व हमारी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता हैं। इसकी वजह से खून पतला होता हैं।
हल्दी कफ और वात के दोषों को दूर करता हैं। सबसे लाभकारी होता हैं दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीना इसे हल्दी वाला दूध या गोल्डेन दूध भी कहते हैं। इसे गर्म दूध के साथ पीने से फेफड़ो में जमा कफ भी आसानी से निकल जाता हैं बदन दर्द, नींद की समस्या, सर्दी जुखाम, हड्डी संबन्धित समस्या आदि इसके पीने से दूर होती हैं।
हल्दी में घाव को भरने एवं इसका संक्रमण रोकने की भी गुण होते हैं। इसके सेवन से शरीर का डिटॉक्स होता हैं एवं ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से हो पाता है और हृदय संबन्धित परेशानियां नहीं हो पाती हैं।
लहसुन
लहसुन में पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें पाये जाने वाले विटामिन B6, विटामिन C, सेलेनियम, मैगनिज़, जिंक, सल्फर, allcin नामक तत्व शरीर में होने वाले संक्रमण और बैक्टेरिया से लड़ने की शक्ति देता हैं।
कच्चा लहसुन खाने से ब्लड में ग्लूकोज लेवेल कम होता हैं। यह शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और इसके साथ ही साथ यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के कार्य प्रणाली में भी सुधार लाता हैं।
यूटीआई संक्रमण और किडनी संक्रमण भी लहसुन से ठीक किया जा सकता हैं। लहसुन खाने से भूख भी खुलती हैं एवं पाचन, कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से निजाद मिलता हैं।
लहसुन को सिर्फ मसालों के लिए नहीं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक, रोगनाशक औषधीय के लिए भी जाना जाता हैं। इसे एक प्रकार का प्राकृतिक एंटीबायोटिक भी कहा जाता हैं। यह अपने एंटी-फंगल गुण के कारण फंगल इन्फेक्शन से लड़ने में सहायक होता है।
दालचीनी
दालचीनी में एंटी-बैक्ट्रेरियल, एंटी-क्लोटिंग, एंटी-वायरल एवं एंटी-फंगल गुण पाया जाता हैं। इसे भी एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता हैं। दालचीनी में कैल्शियम, पाॅलिफेनोल, आयरन, फाइबर और मेग्नीज़ की मात्रा भरपूर होती हैं।
इसमें एंटी ऑक्सीडेंट एवं एंटी इनफ्लेमेटेरी गुण भी मौजूद होते हैं। दालचीनी के नित्य सेवन से मधूमह, हृदय रोग, अल्जाइमर आदि का खतरा कम होता है।
यह शरीर में होने वाली कैंसर की कोशिकाओं को फैलाने से रोकता है दालचीनी में कोमरीन नामक तत्व होता हैं जो रक्त को पतला करके शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार लाता हैं।
इसे सौन्दर्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है जिसकी वजह से चेहरे पर दाने, मुहाँसे, ब्लैकहेड्स आदि की समस्या दूर होकर चेहरे पर चमक एवं ताजगी आती है।
दालचीनी के नित्य सेवन से पेट संबन्धित समस्याए दूर होती है जैसे- पेट दर्द, अपच, एसिडिटि, गैस आदि को यह शरीर में हो रहे कफ एवं पित की समस्या से भी निजात दिलाता है।
प्रतिदिन गाय के दूध या चाय के साथ इसके सेवन से पूराने से पुराने कफ में भी राहत मिलती है। यह गले का संक्रमण, गले में खराश आदि में भी बहुत उपयोगी होता है।
खाद्य पदार्थों से बढ़ाए अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता
आहार में स्वस्थ्यवर्धक भोज्य पदार्थों के सेवन से हमारी इम्यूनिटी मजबूत बनती है। इसलिए हमें जहाँ तक हो सके अपने आहार में उन्ही खाद्य पदार्थों को सम्मिलित करना चाहिए जिस में प्रयाप्त मात्रा में न्यूट्रीएंट्स हो। आइए हम जानते की कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जिनके सेवन से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है। also read ; Janiye immunity ko kamjor karne wali aadt | इन आदतों से कमजोर होती है हमारी इम्यूनिटी
ओट्स (oats)
ओट्स में हर प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं। इसमें पाये जाने वाले प्रोटीन उच्च कोटी के होते हैं। इसमें प्रोटीन, मेग्नीशियम, सिलिकॉन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन E, विटामिन B, आयरन, जिंक, कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। इसमें मौजूद न्यूट्रिशन काफी बैलेन्स होता है।
ओट्स में पाये जाने वाले एंटी इन्फ़्लेमेटरी गुण के कारण कैंसर की समस्या में राहत मिलती है। यह वजन कम करने में काफी कारगर होता हैं और इसमें उपस्थित बीटा–ग्लूकोन भोजन के पाचन के साथ ही साथ शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है और इंसुलिन के प्रभाव को सक्रिय करने में मदद करता है।
इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या से निजाद दिलाता है। ओट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं एंटी-वायरस तत्व पाये जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने में मदद करते हैं।
अलसी
अलसी को एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण एवं फाइटोकेमिकल के कारण त्वचा में कसाव बना रहता हैं।
इसमें पाये जाने वाले तत्व अल्फा लिनोलेनिक एसिड ओमेगा 3 और फैटी एसिड शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। अल्फा लिनोलेनिक एसिड कॉलेन कैंसर, अथ्राईटिस, अस्थमा, शुगर आदि के जोखिम कम करता है।
इसमें मौजूद ओमेगा 3 की मात्रा भरपूर होती है जो शरीर में खून नही जमने देता है जिससे हृदय रोगों में भी आराम मिलता है। वजन कम करने में भी यह सहायक होता है। यह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है जिससे हमारी इम्यूनिटी बढ़ती है।
ड्राइ फ्रूट्स
ड्राइ फ्रूट्स यानि सूखे मेवे, ये फलों को निर्जलित करके बनाया जाता है। पोषण की दृष्टि से ये बहुत हीं श्रेष्ठ होते हैं इसमे बहुत सारे पोषक तत्व जैसे- फाइबर, मिनिरल्स, प्रोटीन, विटामीन्स आदि पाये जाते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ साथ सेहत को स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाते हैं।
काजू, किशमिश, बादाम, पिस्ता, मखाना, अखरोट, अंजीर, खजूर आदि ड्राइ फ्रूट्स पोषण की दृष्टि से बहुत ही फायदेमंद होता है।
मखाना से तनाव दूर होता है जिसकी वजह से अच्छी नींद आती है। काजू में पाये जाने वाले एंटी एजिंग तत्व से त्वचा की समस्या में लाभ मिलता है। किशमिश खाने से एनीमिया रोग में लाभ मिलता है एवं यह दाँतो एवं गुर्दे की पथरी के लिए मददगार होता है।
पिस्ता एवं बादाम में बहुत सारे मिनिरल्स एवं विटामिन्स पाये जाते हैं जो पूरी तरह से हमारे स्वस्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए हमें प्रतिदिन अपने आहार में किसी ना किसी रूप में सूखे मेवों को अवश्य हीं शामिल करनी चाहिए। also read : शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय
पेय पदार्थों से बढ़ाए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के पेय पदार्थ भी काफी कारगर होते हैं।
जैसे-ग्रीन टी, ब्लैक टी, हल्दी का दूध या हल्दी वाली चाय, जल, विभिन्न प्रकार के फलों का जूस, नारियल पानी आदि ये सब पेय पदार्थों में विटामिन्स एवं मिनिरल्स काफी मात्रा मे पाये जाते हैं। ये हमारे शरीर के दूषित कणों को बाहर निकाल कर शरीर को मजबूत बनाने का कार्य करती है।
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इन ड्राइ फ्रूट्स के सेवन से होगी हमारी इम्यूनिटी मजबूत Immunity Boosting Dry Fruits in Hindi