idli batter for soft idli in hindi

इडली का घोल बनाने की विधि | Idli Batter For Soft Idli in Hindi

रुई जैसी सॉफ्ट एवं मुलायम इडली बनाना पूरी तरह से उसके घोल पर निर्भर करती है यदि इडली का घोल (batter) अच्छे तरीके से बनी है तो इडली भी बिलकुल परफेक्ट बनती है।

इडली का घोल अगर सही तरीके से नहीं बना यानि बैटर अच्छी तरह से फार्मेट (खमीर) नहीं हुआ है तो हमारी इडली नरम, मुलायम और फूली फूली नहीं बनेगी और इडली कड़ी एवं बेस्वाद हो जाएगी।

इसलिए हमें इडली का घोल बनाने की विधि (idli batter for soft idli in hindi) का सही तरीके से ज्ञान होना बेहद जरुरी है।

यूँ तो इडली पूरे भारत में चाव से खाये जाने वाली रेसिपी है लेकिन खास कर दक्षिण भारत (साउथ इंडिया) में यह एक बेहद लोकप्रिय व्यंजन है।

लोग इडली को नाश्ते मे विशेष रूप से खाना पसंद करते है। इडली बहुत प्रकार से बनाई जाती है जैसे रवा इडली, मसाला इडली, फ्राइड इडलीउड़द दाल की इडलीओट्स की इडली आदि।

इडली को कुकर में भी हम आसानी से बना सकते हैं। यह बहुत ही सॉफ्ट बिलकुल रूई जैसी बनती है जिसे सांभर, नारियल चटनी, चने की दाल की चटनी, बादाम की चटनी, टमाटर की चटनी, इमली की चटनी या हरी धनिये से बनी चटनी के साथ परोसा जाता है जो खाने मे काफी स्वादिष्ट होती है।

आज मैं आपको उड़द कि दाल एवं चावल से बनी इडली का घोल (बैटर) बनाने कि विधि के बारे मे बताऊँगी|

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इडली का घोल (batter) बनाने की आवश्यक सामाग्री

  • 1. दो कप पारबॉइलड चावल
  • 2. आधा कप बिना छिलके वाली साबूत उड़द कि दाल
  • 3. एक टेबल स्पून मेथी के दाने
  • 4. दो से ढाई टेबल स्पून पोहा या चुड़ा
  • 5. एक छोटी चम्मच बेकिंग पाउडर
  • नमक स्वादानुसार
  • पानी  –  उड़द कि दाल पीसने के लिए एक कप
  • चावल पीसने के लिए 3/4  कप

इडली का घोल बनाने की विधि Idli Batter For Soft Idli in Hindi

1. चावल को अच्छी तरह से धोकर एक पतीले में डालकर पर्याप्त मात्रा में पानी डाल कर ढक दें और रात भर या कम से कम 5-6 घंटे के लिए भिंगों कर रखें।

2. अब एक अलग बरतन मे उड़द कि दाल एवं मेथी दाना अच्छे से धोकर पानी पानी मे डाल कर लगभग लगभग 5-6 घंटे के लिए भिंगो कर रखें।

(ध्यान रखें की उड़द दाल ताजी हो यानि की नई फसल की हो यह हल्के पीले रंग की होती है। इससे बनी इडली काफी नरम एवं मुलायम बनती है)

3. एक छोटे कटोरे मे जाड़ा पोहा डाल कर 4-5 घंटे के लिए भिंगो दें।

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इडली का घोल बनाने की विधि idli batter for soft idli in hindi

1. लगभग 5-6 घंटे बाद भिंगाये हुए चावल को छलनी मे छान लें।

2. अब इसे मिक्सी जार मे डाल दें। याद रखे की चावल को पीसने के लिए उड़द दाल की तुलना मे कम पानी की जरूरत होती है। इसलिए इसे मिक्सी जार मे थोड़ा थोड़ा पानी के साथ हल्का दरदरा पीस कर एक गहरे पतीले मे निकाल लें।

3. उड़द दाल एवं मेथी दाना एवं जाड़ा पोहा भी ग्रैंडर या मिक्सी मे डाल कर बिलकुल चिकना पेस्ट बना लें इसे भी पीसने वक्त पानी का उपयोग कम से कम करें।

4. अब इस घोल को भी उसी गहरे पतीले मे निकाल ले। जिसमे चावल का घोल डाले है|

6. पिसे हुए मिश्रण को एक चमचे की मदद से अच्छी तरह से मिलाए।

7. इसे ढककर लगभग 10-12 घंटे के लिए किसी गरम स्थान पर खमीर आने के लिए रख दें।

(याद रखे इडली के घोल का फरमेंट होना मौसम के तापमान पर निर्भर करता है। गर्मी के दिनों मे यह 10-12 घंटे मे फरमेंट हो जाती है किन्तु ठंड के मौसम मे इसे ज्यादा समय लग सकता है लगभग 20-22 घंटे)

8. लगभग 10-12 घंटे बाद batter फॉर्मेट होने पर अच्छे से फूल जाता है इसका आकार भी दोगुना हो जाता है और खमीर उठे इडली batter से एक बहुत ही अच्छी खट्टी ख़ुशबू भी आने लगती है।

9. अब इस समय घोल मे नमक एवं खाने का सोडा (बेकिंग पाउडर) डाल कर एक ही दिशा मे चला कर अच्छे से मिलायें।

10. यदि बैटर ज्यादा गाढा लग रहा है तो इस वक्त इसमे एक दो चम्मच पानी भी मिला सकते हैं।

तो लीजिए इडली बनाने का बैटर तैयार हो गया है। इडली बैटर बनाने के बाद इडली बनाना बहुत ही आसान हो जाता है। आप इसे एयर टाइट बर्तन मे डाल कर फ्रिज मे स्टोर भी कर सकते है। स्टोर करने के लिए काँच के कंटेनर का ही उपयोग करें स्टील या प्लास्टिक के बर्तन मे इडली का बैटर ज्यादा खट्टा होने की संभावना होती है।

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आवश्यक निर्देश 

1. इडली के लिए fluffy संरचना पाने के लिए चावल और दाल को अलग अलग बर्तनों में भिगोना और पिसना जरुरी होता है।

2. ध्यान रखे की घोल (better) बनाने समय मिक्सी को रोक रोक कर  चलाये जिससे बैटर गरम न हो पाय। इसलिए अच्छा होगा की पिसते वक़्त ठंडे पानी का उपयोग करें। इससे इडली कड़ी नही होगी।

3. पोहा वैकल्पिक होता है। लेकिन इससे डालने से इडली सॉफ्ट और स्पंजी बनती है।

4. इडली के घोल को स्टोर करना हो तो उसमे नमक नहीं डालें इससे इडली का बैटर बहुत दिनों तक खराब नहीं होगा।

5. इडली का बैटर डोसे के बैटर से थोड़ी गाढ़ी होनी चाहिए। बैटर को पकोड़े के कंसिटेनसी जैसी होनी चाहिए। इसलिए मिश्रण को पिसते वक़्त पानी का खास खयाल रखें और पानी हमेशा थोड़ी थोड़ी मात्रा में डालें।

6. नमक का प्रयोग इडली बनाने वक़्त ही करें । फरमेंटेशन के पहले नमक डालने से fermentation की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे खमीर उठने में ज्यादा समय लगता है।

7. खमीर उठे घोल (बैटर) को चलाते समय एक ही दिशा में चमचे को धीरे–धीरे  घूमाए जिससे इसके अंदर की हवा बाहर नही पाये।

इस प्रकार इन सब बातों का ध्यान रख कर आप इडली के लिए परफेक्ट घोल तैयार कर सकते हैं।

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