Bachcho ki Immunity Badhane ke upay
बड़ो के मुक़ाबले बच्चों में संक्रमण आदि का खतरा ज्यादा होता हैं। इनकी इम्यूनिटी पावर अक्सर कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से उनका शरीर विभिन्न प्रकार के छोटी-मोटी बीमारियों, वायरसजन्य रोगों, फंगस, बकटेरियल इन्फ़ैकशन आदि के चपेट में आसानी से आ जाते हैं।
बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है उनकी पौष्टिक आहारों, उनकी खान पान एवं स्वस्थ्य कार्यशैली के प्रति उनका रुझान न होना। इसलिए हमें bachcho ki immunity badhane ke upay जानना बेहद जरूरी होता हैं।
बच्चे अक्सर बाजार में मिलने वाली खाद्य पदार्थों को ही खाना पसंद करते हैं जैसे फास्ट फूड्स, नूडल्स आदि जो उनके स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है इस कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और साथ ही साथ वे अक्सर बीमारियों के चपेट में आते रहते हैं।
आजकल के बच्चे ऐसे खेलों में ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं जिनमें उनकी शारीरिक गतिविधियो बिलकुल भी नही हो पाती है जैसे कम्प्युटर, मोबाइल आदि।
ऐसे में उनके माता पिता की सबसे बड़ी समस्या होती है की उनकी इम्यूनिटी कैसे बढ़ायी जाये जिससे वे कम बीमार पड़े। सच में यह एक चुनौती भरा कार्य होता है।
माता पिता को बच्चों की रूचि एवं अरूचि के अनुसार उनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनाने के लिए यहा कुछ उपाय बताये गए हैं। जिन्हे अपनाकर वे अपने बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय।
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फल एवं सब्जियों से बढ़ेगी इम्यूनिटी
बच्चों को शुरू से ही हरी सब्जियों एवं ताज़े रसीले फलों को किसी न किसी रूप में अवश्य खिलानी चाहिए।
इस फलों एवं सब्जियों में विटामीन्स एवं खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। और ये एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते है। जो बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अति आवश्यक होता है।
खट्टे फलों में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैं जो बच्चों की इम्यूनिटी पावर को मजबूत करने का कार्य करती हैं।
प्रतिदिन बच्चों को कोई भी मौसमी फल जैसे आम, केला, आनार, मौसमी, अमरूद अनानास आदि का फल अवश्य खिलानी चाहिए।
चाहें तो आप इन्हें इन फलों को जूस, जेली, पेस्ट के रूप में या फिर सबूत फल भी खिला सकते हैं।
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हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे- पत्तागोभी, पालक, चौलाई, कद्दू, धनिया पत्ता, चौलाई, लेटयूस पत्ती, मटर, चुकंदर आदि बच्चों के आहार मे शामिल करके उन्हे प्रतिदिन खिलानी चाहिए।
इससे उनके शारीरिक एवं मानसिक स्तर का विकास होगा और साथ ही साथ उनकी इम्यूनिटी भी बढ़ेगी जिससे उनकी शरीर बाहरी संक्रमणों के विरूद्ध लड़ने में सक्षम होगें और वे बीमारी से दूर रहेगें।
डेयरी प्रोडक्ट से बढ़ाए इम्यूनिटी
डेयरी प्रोडक्ट शरीर में आवश्यक सभी प्रकार के विटामिनस एवं मिनरल्स की पूर्ति करते हैं। इसमे कैल्शियम एवं प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती हैं। यह शरीर को स्वास्थ एवं मजबूत बनाए रखने में सहायक होते हैं।
विभिन्न प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, पनीर, छेना आदि बहुत ही पौष्टिक होते हैं। ये सारे पदार्थों में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन 12, विटामिन B2 भी पाया जाता है।
गाय के दूध में कैरोटीन नामक तत्व होता है जो बच्चों के आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक होता है। यह बच्चों के बौद्धिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक होता है।
डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम के अलावा फास्फोरस एवं विटामिन D से भरपूर होने के कारण ये बच्चो के हड्डियों को मजबूती देने में सहायक होते हैं।
इसमे पाये जाने वाले राइबोफ्लेविन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में सक्षम होता है। दही में प्रोबायोटिक्स मौजूद रहता हैं जिससे बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसलिए बच्चे के आहार में इसे जरूर शामिल करनी चाहिए। इसे भी पढ़ें ; बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खिलाना चाहिए जिससे बच्चे रहे स्वस्थ एवं निरोग
प्रोटीन युक्त आहार बढ़ाए इम्यूनिटी
प्रोटीन शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर की कार्य प्रणाली को दुरुस्त रखता है। बच्चों की ग्रोथ के लिए यह आवश्यक घटक होता है। इसके इस्तेमाल से बच्चे का दिमाग भी तेज बनाता है।
प्रोटीन हड्डियों, लिगामेंट्स और दूसरे संयोजी उत्तक को स्वस्थ बनाए रखता है। यह बच्चों के शरीर में मसल्स के ग्रोथ में भी सहायक होता है इसलिए बच्चों को विभिन्न प्रकार की दालें, सूखे मेवे, डेयरी प्रोडक्ट, सोया, राजमा, फलियाँ, टोफू, पीनट बटर, चना, पनीर आदि प्रोटीन युक्त आहारों को जरूर शामिल करनी चाहिए।
इसके अलावा मांस, मछली, अंडा भी दे सकते हैं इसमे भी प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है इन आहारों से शरीर को ऊर्जा भी मिलती है तथा शरीर की गंदगी को भी बाहर निकलता है।
बडों के मुक़ाबले बच्चों को अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती हैं बच्चो को प्रतिदिन दाल खिलानी चाहिए। दालों में फाइटोकेमिल तत्व होते है जो गंभीर बीमारियों से बच्चों का बचाव करते हैं।
सूखे मेवे (dry fruits) से बढ़ाए इम्यूनिटी
बच्चों की इम्यून सिस्टम बढ़ाने में सूखे मेवे काफी लाभप्रद होते हैं। इसमे विटामिन्, विभिन्न प्रकार के खनिज लवण, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, पोटाशियम, मैगनेशियम, ओमेगा 3 कार्बोहाइड्रेड़ आदि भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
ये एक प्रकार से हेल्दी स्नेक्स के रूप में भी बच्चों को दिया जाना चाहिए। सूखे मेवे जैसे काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश, अखरोट, मखाना चिलगोजे आदि कैलोरी से भरपूर होते हैं जो बच्चो को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
इनमे पाए जाने वाले फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है जिससे बच्चों का पाचन ढंग से कार्य करता है एवं कब्ज से भी आराम दिलाता है।
सूखे मेवे में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है खासकर अंजीर एवं आलूबुखारे में जिससे बच्चों को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाव करते हैं। सूखे मेवों में पाए जाने वाले ओमेगा 3 बच्चों के मानसिक विकास की दर में वृद्धि करता है और इसमें उपस्थित प्रोबायोटिक बच्चों की आंत को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
बच्चों को सूखे मेवे को छोटे छोटे टुकड़ों मे काट कर खिला सकते हैं या किसी अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर भी आसानी से खिला सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स से बढ़ाए इम्यूनिटी
प्रोबायोटिक्स आंतों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। ये आंतों में पाये जाने वाले अच्छे बैकटेरिया में संतुलन बनाए रखने का कार्य करते हैं प्रोबायोटिक्स आहार से बच्चों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है जिसकी वजह से वे कई प्रकार की बीमारियों से बचे रहते हैं।
इनमे पाये जाने वाले गुड बैक्टेरिया भोजन को पचाने में, पोषक तत्वो को अवशोषित करके पाचन क्रिया को सही ढंग से चलाने में मदद करता है।
आजकल के बच्चे खाने पीने में काफी आनाकानी करते हैं ऐसे में उन्हे ऐसी चीजे जो उन्हे उनके पसंद के होते है जैसे डार्क चोकोलेट, केक, घर में बनी आइसक्रीम आदि दे सकते है इन सभी चीजों में प्रोबायोटिक्स पाये जाते है।
इसके अलावा प्रोबायोटिक्स पाये जाने पदार्थ हैं-दही, योगर्ट, कोकोनट मिल्क, मिसो सूप, छाछ, पनीर, किमची, फ़र्मेंटेड जूस, सेब, जैतून आदि। इन्हे भी किसी न किसी तरह उनके पसंद के डिशेज बना कर देना चाहिए। इसके अलावा इडली, डोसा, ढोकला, ब्रैड आदि भी इसके स्रोत है। प्रोबायोटिक्स बच्चों के शरीर को सही आकार देने में मदद करते हैं।
इसके इस्तेमाल से एलर्जी एवं एक्जीमा को कम किया जा सकता है। इसके अलावा प्रोबायोटिक संक्रमण से होने वाले रोगों को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
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फाइबर युक्त आहार से बढ़ाए इम्यूनिटी
बच्चों के पाचन के लिए फाइबर युक्त आहार देना आवश्यक होता है। इससे बच्चों का पाचन ठीक रहता है। जिससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत होती हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार के हरी पत्तेदार सब्जियाँ, विभिन्न प्रकार के फल दलिया, साबूत अनाज न किसी रूप में अवश्य शामिल करनी चाहिए कम रेशे वाले आहार से कब्ज एवं आंतों से संबन्धित शिकायत रहती है।
विभिन्न प्रकार के फलियां एवं दालों का सेवन सेहत के लिए काफी लाभदायक माना गया है इसमें फाइबर, कार्बोहिड्रेट, प्रोटीन, आयरन, कॉपर, मग्नेशियम, जिंक, फास्फोरस, विटामिन B और माइग्नेशियम जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं। जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को कम करने में सहायक होते है।
सूखे मेवों में भी फाइबर की मात्रा पायी जाती हैं इसे भी बच्चो को दूध, दही, मिठाइयों के साथ मिलकर खिला सकते हैं।
फलों में फाइबर की मात्रा काफी होती हैं इसलिए बच्चों का इसके जूस बजाए साबूत फल ही खिलाना लाभदायक होता है जैसे-सेब, तरबूज, आनार, अमरूद आदि।
आलू, गाजर, मूली, शक्करकंद, गेहूं का आटा, आनाज एवं चोकर में भी फाइबर की मात्रा अधिक होती है इसलिए प्रतिदिन बच्चों आहार में इन्हे अवश्य सम्मिलित करनी चाहिए।
ओट्स का सेवन भी काफी लाभदायक होता हैं। इसमे पाये जाने वाला बिटा-ग्लूकोन जो एक विशेष प्रकार का फाइबर होता है जो बच्चों के सेहत को फिट एवं तरोंताजा रखने में सहायक होता हैं एवं इससे उनके शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ती हैं।
गहरी नींद है जरूरी
गहरी नींद में शरीर के बहुत सारे ग्रोथ हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं जो बच्चों के इम्यून पावर को भी मजबूत बनाने में कारगर होते हैं। बच्चों को जितनी गहरी नींद आएगी उतना ही उनका मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।
इसकी वजह से उनका आइ-क्यू लेवेल में भी वृद्धि होती है। कम या खराब नींद के कारण बच्चों में भी आलस, थकान, एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन आदि की समस्या देखी जाती है।
जो उनके इम्यून सिस्टम पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए बच्चों में 24 घंटे में तरकीबन 9-11 घंटे की नींद आवश्यक होती है। इसलिए बच्चों की नींद का पूरा पूरा ख्याल रखना चाहिए।
बच्चों को खेल कूद एवं एक्सरसाइज़ के लिए करें प्रोत्साहित
खेल कूद बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
इससे उनकी शरीर की मांसपेशियों में भी संचालन बढ़ता है और वे सुगठित होती है इसके साथ ही उनके मन पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता ही और मानसिक तौर पर अपने को तरोताजा महसूस करते हैं।
आजकल बच्चे बाहर खेलने के बजाय मोबाइल,कम्प्युटर पर अधिक व्यस्त रहते है जिसकी वजह से उनकी शारीरिक गतिविधि नहीं हो पाती है और वे कई प्रकार के बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं।
खासकर आजकल बच्चों में मोटापा एवं डायबिटिज की बीमारी काफी देखने को मिल रही है जो घातक होती है।
इसलिए बच्चों को खेल कूद एवं एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बन सके और वे अपने को स्वस्थ एवं निरोग रख सकें।
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