Nipah Virus in hindi : कारण, लक्षण एवं बचाव
आजकल देखा जाए निपाह वायरस की चर्चा हर जगह है और आपने भी इसके बारे में जरूर सुना होगा मगर सिर्फ सुनने से काम नहीं चलेगा क्योंकि ये एक ऐसा वायरस है जिसका सम्बंध हमारे स्वस्थ से है और स्वास्थ से समझौता तो बिल्कुल घाटे का समझौता है।
हर काम से पहले हमारा स्वास्थ आता है और इस वायरस की बात करें तो इंडिया के केरेला स्टेट में बहुत तेजी से लोगों में फैल रहा है न जाने कितने लोग इसके शिकार हो भी गए हैं और अधिक समय नहीं लगेगा इसे दूसरे जगहों पर पहुँचने में हो सकता है कल को ये वायरस आपके राज्य, शहर या क्षेत्र में पहुँच जाए।
ऐसे में जरूरी है कि आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए ताकि आप तक पहुँचने से पहले ही आप खुद को, अपने परिवार और आपके आस-पड़ोस के लोगों को सचेत कर दे हालाँकि ऐसा कहा गया है कि इस वायरस का मुख्य जड़ चमगादड (bat) है इससे पहले भी चमगादड की वजह से हमने covid 19 जैसे वायरस का सामना किया था।
इसलिए आज के article में हम निपाह वायरस के बारे में जानेंगे। इसके परिचय से लेकर बचाव तक के सफर के बारे में आपको बताएँगे। इस वायरस से जुड़ी हर एक जरूरी बातें इसमें लिखी गयी हैं जिसका आपके लिए जानना काफी आवश्यक है।
1. निपाह वायरस क्या है ? What is Nipah Virus in hindi
जैसा कि आप जानते हैं कि फिलहाल हमारे भारत का केरेला राज्य इस वायरस के चपेट में है और हर दिन न जाने कितने लोग वहाँ इससे लड़ रहा है।
हालाँकि निपाह वायरस एक ऐसा वायरस माना जा रहा है जिसका फैलाव लोगों में चमगादड (bats) की वजह से हो रहा है। ये वायरस इंसानो के अलावा जानवरों में भी फैल रहा है जो कि आने वाले दिनों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है।
इस वायरस को bioterrorism threat भी माना जा रहा है। WHO (world Health Organization) ने भी इस वायरस को priority pathogens घोषित किया है।
इस वायरस को हल्के में लेने के बारे में सोचिएगा भी मत क्योंकि इससे कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। August के आखिर में ये वायरस काफी तीव्र गति से केरेला में फैलना आरंभ कर दिया था।
इस वायरस को नया कहना सही नहीं होगा क्योंकि पहले कई देशों से इस वायरस का सामना किया है।
ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले Malaysia के एक गाँव में Sungai Nipah नामक जगह में मार्च, 1999 में इस वायरस से प्रतारित मरीज़ पाए गए थे। और इसी जगह के नाम से ही इसका नाम निपाह वायरस रखा गया है।
वहीं बात करें बांग्लादेश कि तो 2001 में वहाँ पर इस वायरस से लोगों ने अपनी ज़िंदगी के लिए लड़ाई की थी। खैर, बात करें अगर भारत कि तो August महीने के आखिर में लगभग 6 लोग इस वायरस की चपेट में आ गए जिसमें से दो ने अपनी जान भी गवा दी और इसी के साथ 800 से ज्यादा लोग इस वायरस से पीड़ित हो गए जिसमें मेडिकल स्टाफ और हेल्थ केयर वर्कर भी शामिल थे। और पढ़ें : WHO की बड़ी चेतावनी फिर से नए वायरस का कहर Disease X in hindi
2. निपाह वायरस के क्या कारण होते है?
आमतौर पर देखा जाए तो ये वायरस चमगादड से फैल रहा है, मगर इसके अलावा और भी जानवर है जिसकी वजह से ये वायरस फैल रहा है। इसलिए इसे जूनोटिक वायरस भी कहते हैं।
चमगादड (bats) के अलावा सुअर (pigs), बकरी (goat), घोड़े (horses), कुत्ते (dogs) और बिल्लियों (cats) से भी इस वायरस के फैलने की संभावना है।
मगर अब सवाल ये उठता है ये वायरस लोगों में फैलता कैसे है? इसके बहुत से कारण हैं जिनमें से कुछ विशेष को हमने नीचे पॉइंट आउट किया है:
1· सबसे विशेष कारण जिसकी वजह से आप इस वायरस के शिकार हो सकते हैं वो ये है कि हम इंसान या जानवर, दोनों ही बॉडी fluids के संपर्क में बड़ी आसानी से आ जाते हैं।
ऐसे में अगर हम किसी इंफेक्टेड जानवर या इंसान के बॉडी के fluid (खून, पेशाब, मल और सलाइवा) के समपर्क में आ गए तो ये वायरस हमे भी अपने चंगुल में ले लेगी और ये काफी सामान सा reason है क्योंकि अक्सर हम इन चीजों के समपर्क में आते रहते हैं।
इसलिए चलने वक़्त काफी ध्यान रखें और देख-परख के ही अपने कदम आगे बढ़ाये। इसके साथ ही चलते वक़्त अपने आस-पास की चीजों पर भी नज़र रखें।
अगर ऐसी fluids कहीं भी दिखे तो उससे दूरी बनाये रखें भले वो निपाह वायरस से प्रतारित इंसान या जानवर के न हो, मगर आमतौर पर भी ऐसी चीजों में काफी bacteria रहता है।
2· दूसरा मुख्य कारण खाना है, अगर बात करें खाने कि तो इसपर हमारा कंट्रोल नहीं होता। क्योंकि हर दूसरे दिन कुछ-न-कुछ बाहर से खाने का मन करता है।
ऐसे में हमे हमेशा ध्यान रखना चाहिए hygiene का क्योंकि अगर खाते वक़्त आपने ऐसा खाना खा लिया जो इंफेक्टेड animal से contaminated है तो निपाह वायरस को आप तक पहुँचने में ज़रा भी देर नहीं लगेगी।
और सिर्फ जानवर ही नहीं बल्कि आपने अगर किसी ऐसे इंसान का झूठा और उसके हाथों से बना खाना खा लिया तो भी आप इस वायरस की चपेट में आ जायेंगे और इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सिर्फ बाहर के खाने से ही ये वायरस आपको पकड़ेगी।
अगर आप ऐसे इंसान से सब्ज़ी खरीद रहें है जो निपाह वायरस से जूझ रहा हो तो भी इसके होने की संभावना है। इसलिए अपने खाने पीने में hygiene बहुत अहम है।
3· तीसरा मुख्य कारण उन लोगों पर लागू होता है जो निपाह वायरस के मरीजों की देखभाल करते हैं। इसमें ज्यादातर health line workers आते हैं क्योंकि मरीजों के देखभाल की जिम्मेदारी इनकी ही होती है।
खैर, डॉक्टर और नर्स भी मरीज़ के संपर्क में आते हैं इसलिए आपने कई बार देखा होगा कि मरीजों के लगातार इलाज करते-करते डॉक्टर भी वायरस की चपेट में आ जाते हैं।
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इनक अलावा अगर आपके परिवार में से कोई इस वायरस से जूझ रहा है तो आप पर और आपके परिवार के लोगों पर भी इस वायरस के होने की संभावना रहती है। ऐसे में आपको अपना और अपने परिवार का ख्याल रखना पड़ेगा।
खैर, इस वायरस से कैसे निपटना या डील करना है, इसका भी जवाब आपको इस अर्टिकल में मिल जायेगा, हालाँकि इसका अभी तक कोई तोड़ नहीं निकल पाया है।
मगर इसके पहले आपके लिए इसके लक्षणों के बारे में जानना काफी जरूरी है। कोई भी वायरस या बीमारी हो उसका पता हमें तभी चलता है जब उसके कुछ लक्षण हमारे शरीर में दिखने लगते हैं या हम महसूस करने लगते हैं।
इसी प्रकार निपाह वायरस के भी कुछ लक्षण हैं जिससे आप पता कर सकते हैं कि आपको वाकई में ये वायरस है या नहीं है।
3. निपाह वायरस के लक्षण
नीचे निपाह वायरस के लक्षण लिखे हैं जिससे आप इसका पता लगा सकते हैं। हालाँकि इसके कुछ आंतरिक और कुछ अन्य लक्षण होते हैं।
आंतरिक लक्षण
· बुखार (fever)
· सर दर्द (headache)
· उल्टी (vomiting)
· कमज़ोरी (weakness)
· नसों में दर्द ( muscle pain)
· साँस लेने में तकलीफ (breathing problems)
· डायरिया ( diarrhoea)
· कफ़ और गले में खराश (cough and sour throat)
अन्य लक्षण
· Seizure (सीज़र)
· Coma (कोमा)
· डिसओरीएनटेशन (disorientation)
· रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस (respiratory distress)
ऐसा पाया गया है कि हर किसी को सामान लक्षण नहीं होते किसी को mild रहते हैं तो किसी को severe रहते हैं। इसके साथ कुछ ऐसे cases भी आ रहा जाते हैं जिनमें कोई लक्षण ही नहीं पाया जाता।
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हालाँकि ऐसा पाया गया है कि वायरस होने के 4 से 10 दिन में आप उपर लिखे गए लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। आमतौर पर बुखार और सिर दर्द से शुरुआत होती है, फिर पाचन तंत्र में मुश्किलें आने लगती है जिसकी वजह से कफ और साँस लेने में दिक्कतें आपको झेलनी पड़ेगी।
खैर, निपाह वायरस के भी stages होते हैं, दूसरी बीमारियों की तरह। उपर लिखी ही चीजें नॉर्मल तौर पर लिया जाता है। लेकिन अगर बात करें severe cases कि तो इसमें रोगी को brain infection हो सकता है, जो कि काफी खौफनाक साबित हो सकता है। इससे मरीज़ की जान भी जा सकती है।
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4. क्या निपाह का कोई इलाज़ है ?
जैसा कि आप जानते हैं कि इस वायरस का कोई भी antiviral medication नहीं निकल पाया है। मगर घबराये नहीं और नीचे लिखी हुई बातों का पालन करें, आप इस वायरस से लड़ने में सक्षम रहेंगे।
· अपने hygiene का ध्यान रखें।
· ज्यादा से ज्यादा पानी पिये।
· Nausea और vomiting से बचने के लिए दवा ले।
· अगर साँस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो inhalers का उपयोग करें।
· जितना हो सके उतना ज्यादा आराम करें।
· अगर आप किसी भी मेडिकल तकलीफ से गुज़र रहे हैं तो उसके लिए आप दवा ले, मगर डॉक्टर की देख-रेख में।
इससे यही पता चलता है कि आपको अपने लक्षणों को ठीक करने पर ज्यादा ध्यान देना है। अब सारे ही लक्षण तो तो हर किसी को नहीं होते, तो अगर आपको बुखार, seizure या कोई अन्य बीमारी है तो आप उसे ठीक करने के लिए दवा ले। मगर दवा बिना डॉक्टर से बात किये न ले क्योंकि situation critical हो सकती है और जितना ज्यादा हो सके खुद का ख्याल रखें।
5. निपाह वायरस से बचाव
वैसे तो जो भी तरीके थे बचाव के हमने उपर बता ही दिया मगर फिर भी कुछ अन्य बातें है जिसका ध्यान आपको रखना चाहिए। अब इस वायरस की वजह से काम तो नहीं रुकेंगे और आपको ट्रैवल तो करना ही पड़ेगा, तो ऐसे में नीचे लिखे गए बातों पर ज़रा गौर करें ताकि निपाह वायरस आपको अपनी चपेट में न ले ले। और पढ़ें : घरेलू इलाज से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
· साफ सफाई बनाये रखें। अपने हाथों को हैंडवाश से वक़्त-वक़्त पर धोते रहे और sanitize भी करते रहें।
· जंगल जैसे एरिया से दूरी बनाये रखें क्योंकि उधर ही चमगादड वगेरा अपना डेरा डालते है।
· फिल्हाल के लिए जानवरों से भी दूरी बनाये रखें, खासकर उन जानवरों से जो बीमार हो।
· बाहर का खाना-पीना अवोइड करें क्योंकि इनमें बैटेरिया वगेरा होने की काफी संभावना है। नीचे गिरे हुए खाने को भी खाना अवोइड करें।
· जिस इंसान को निपाह वायरस है, उनसे दूरी बनाये रखें। खासकर उनके liquid fluids से।
· अगर आप health care या hospital में काम करते हैं, तो PPE kit तो अवश्य रखें।
फिलहाल के लिए तो निपाह वायरस के बारे में इन बातों का पता होना आपके लिए बहुत जरूरी है। इसलिए सावधानी बरतें और खुद को, अपने परिवार और आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके बारे में सचेत कर दे।
इस वायरस को हल्के में लेने की भूल तो बिल्कुल भी न करें क्योंकि इसका अंजाम मौत भी हो सकता है, जो कि कुछ लोगों से भुक्ता भी है। इसलिए आप इस अर्टिकल में लिखे हुए बातों को फॉलो करें और अधिक और accurate जानकारी के लिए health care centre से बेझिझक contact करें।
अपने साथ एक mask, sanitizer, handwash हमेशा रखें और इनका प्रयोग भी time-to-time करते रहें। और जैसे ही इस वायरस के symptoms दिखे, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें नज़रंदाज़ बिल्कुल न करें।
जितना ज्यादा हो सके, इस अर्टिकल को अपने दोस्त, परिवार, रिश्तेदार सबके साथ share करें और उन्हें सचेत करें क्योंकि जान है तो जहान है।
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